कोपेनहेगन. जलवायु को नुकसान पहुंचाने में भारत की भूमिका को नगण्य बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि पृथ्वी को नुकसान पहुंचाने में भारतीयों की कोई भूमिका नहीं है और पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली को बढ़ावा देना समय की जरूरत है. नॉर्डिक राष्ट्र की अपनी यात्रा के दौरान डेनमार्क में बसे भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने उनमें से प्रत्येक को अपने कम से कम पांच गैर-भारतीय मित्रों को भारत आने के लिए राजी करने को भी कहा.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ‘उपयोग करो और फेंकने की मानसिकता ग्रह के लिए नकारात्मक है. उपभोग उन्मुख दृष्टिकोण से बाहर निकलना आवश्यक है और ‘पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली’ को बढ़ावा देना समय की जरूरत है. जलवायु को नुकसान पहुंचाने में भारत की भूमिका नगण्य है और पृथ्वी को नुकसान पहुंचाने में भारतीयों की कोई भूमिका नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘हमने अपनी धरती मां को बचाने की चुनौती ली है. वर्ष 2070 तक, हमने ‘नेट जीरो’ लक्ष्य निर्धारित किया है… भारत अपनी जलवायु कार्रवाई को पूरा करने में सक्षम रहा है.’ नेट जीरो’ का अर्थ है कि सभी देशों को जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए कार्बन के उत्सर्जन में तटस्थता लानी है.
पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक जलवायु कार्रवाई अभी तक सफल होती नहीं दिख रही है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि दुनिया अपने रास्ते पर रुक गई है, लेकिन हर एक भारतीय के प्रयासों के कारण भारत अपने लक्ष्यों को समय से पहले हासिल कर रहा है. उन्होंने कहा कि श्वेत क्रांति में डेनमार्क भारत के साथ रहा है, अब यह देश के हरित भविष्य में एक मजबूत भागीदार बनता जा रहा है.