आरबीआई द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि मार्च महीने में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस बढ़ने के साथ ही महंगाई बढ़ने की उम्मीद भी बनी है। 8 अप्रैल को मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद जारी इस सर्वेक्षण नतीजों के मुताबिक मार्च में करेंट सिजुवेशन इंडेक्स जनवरी के 64.4 से बढ़कर 71.7 पर आ गया है।
आरबीआई के इस कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे से यह भी निकलकर आया है कि मार्च में फ्यूचर एक्सपेक्टेशन जनवरी के 103.3 से बढ़कर 115.2 पर आ गया। गौरतलब है कि 100 से ज्यादा का आंकड़ा उम्मीद दर्शाता है जबकि 100 से नीचे का आंकड़ा निराशा का सूचक है।
आरबीआई ने यह भी बताया है कि उसके सर्वेक्षण से पता चलता है कि करेंट और फ्यूचर स्पेंडिंग को लेकर हाउस होल्ड ओपिनियन पॉजिटीव रही है । इसेंशियल और डिस्क्रीशनरी खर्च बढ़ने से इसको सपोर्ट मिलेगा।
बतातें चलें कि आरबीआई का यह कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे 2 मार्च से 11 मार्च की अवधि में देश के 19 बड़े शहरों में किया गया और इसके तहत 5,984 हाउसहोल्ड की राय ली गई। इस सर्वे के मुताबिक एक तरफ कंज्यूमर कॉन्फिडेंस में सुधार आया है तो दूसरी तरफ महंगाई बढ़ने के अनुमान में थोड़ा बढ़ोतरी हुई है।
आरबीआई के Households Inflation Expectations Survey के मुताबिक मार्च में वर्तमान अवधि के लिए महंगाई का औसत अनुमान 9.7 फीसदी पर बिना किसी बदलाव के बरकरार था। हालांकि अगले 3 महीनों के लिए और अगले 1 साल के लिए महंगाई का यह अनुमान 10 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी के साथ 10.7 फीसदी और 10.8 फीसदी पर था।
कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे की तरह ही आरबीआई का Inflation Expectations Survey भी देश के 19 बड़े शहरों में 2 से 11 मार्च के बीच किया गया और इसमें 6,033 हाउसहोल्ड शामिल थे।
बतातें चलें कि 8 अप्रैल को संपन्न हुई आरबीआई रिव्यू पॉलिसी में आरबीआई ने 2022-23 के लिए महंगाई का अपना अनुमान 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 7.5 फीसदी कर दिया है जबकि इसी अवधि के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया। हालांकि इसने अपनी दरों में कोई बदलाव नहीं किया।
आरबीआई पॉलिसी के बाद मीडिया से बात करते हुए आरबीआई गर्वनर शक्तिकांता दास ने कहा कि अब महंगाई उनकी पहली प्राथमिकता है। अब हमने अपने वरीयता क्रम में महंगाई को ग्रोथ के पहले रख दिया है।